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लव इज माय लाइफ ए ब्यूटीफुल लव स्टोरी

"मैं,,,आपके जज्बातों भाव जानना चाहता हूं"?लव ने तर्क से पूछा

"डैनी अपने जज्बातों को कहता है

"तुम्हारा अद्भुत व्यक्तित्व, बेदाग चरित्र, सत्य वचन, इमानदार छवि,मुझे गौरवांवित कर रही है, तुम्हारी सोच समझ, हमें जिस ऊंचाई पर ले जा रही है, वह बहुत प्रशंसनीय है, तुमने, मुझे कभी तुम्हारी शिकायत का या तुम्हें समझाने का मौका नहीं दिया, एक पिता को अपने बेटे से जो चाहिए, उन सभी विषयों का तुमने ख्याल रखा, तुमने तो एक अच्छा बेटा बनकर दिखा दिया, अब मैं भी एक अच्छा पिता बन कर दिखाना चाहता हूं  अगर मैं, तुम्हें समझता हूं तो मैं, यह जानता हूं कि तुम आज भी स्नेहा को चाहते हो पर स्नेहा के बारे में जो मैं जानता हूं, वह तुम नहीं जानते हो"!

"क्या जानते हैं आप"? इस नेहा के बारे में लव ने विचलित भाव से पूछा

"यही कि अब तुम्हें, उसका का इंतजार करना, खत्म कर देना चाहिए और अपनी नई जिंदगी को एक नया रूप देना चाहिए, संसारियों का जीवन नारी के बिना अधूरा माना जाता है, इसीलिए एक पिता होने के नाते मैं पारस परमार्थम की बेटी, कैसी से तुम्हारी शादी करना चाहता हूं"! डैनी ने कहा

"पापा,,,जितनी फ़िक्र, आपको आपके जज्बातों की, काश उतनी फिक्र आपको मेरे जस्बातों की भी होती, आप अपने राजनीतिक स्वार्थ को जज्बात कह रहे हो, आपसे कभी अच्छे पिता की उम्मीद तो मैं नहीं कि आप सिर्फ एक पिता ही बन जाइए, फिर आप जहां कहोगे, मैं वहां शादी कर लूंगा"! लव ने कहा

"तुम स्वतंत्र हो लव,,,मैं,तुम पर कोई दबाव या जोर नहीं डाल रहा हूं, मैं तो बस इसे तुम्हारी खुशी समझते हुए, तुम्हारे सामने प्रस्ताव रखा है और तुम जब तक पिता नहीं बनोगे, तब तक मुझे समझ नहीं पाओगे, पहले मुझे भी लगता था कि मैं कि तुम्हारे प्रेम की कशिश, स्नेहा को यहां खींच लाएगी पर अब वह उम्मीद भी डूबती नजर आ रही है,क्योंकि दुनिया की कोई मां, अपने पति के हत्यारे के बेटे के साथ, अपनी बेटी की शादी नहीं कर सकती"! डैनी ने अपने पुरजोर प्रयास के साथ लव को भड़कते हुए कहा

ज्ञानियों द्वारा संसार के विषय में कहा जाता है,यह जगत त्रिगुणात्मक है और जो मनुष्य स्त्री गुणात्मक रहस्य को जानता है,वह संसारी कहलाने के बाद भी इस जगत के इस नियम से मुक्त है, लव के व्यवहार और व्यक्तित्व से यह आशा जागती है कि लव इस त्रिगुणात्मक माया का जानकार है, यह बात लव के इस कथन से भी प्रमाणित होती है, जो लव अपने पिता को जवाब में कहता है

"पापा,,,जो होना था, वह हो गया और जो होना है, वह होकर रहेगा  इस विषय पर मैं यही कहना चाहता हूं कि हमेशा अच्छा ही होता है, बस परिस्थितियों को समझना मुश्किल होता है"!

"तुम नवीन हो, लव,,,,इसलिए छोटे आधारों पर बड़ी बातें कर देते हो, मुझे, तुम्हारे फैसले का इंतजार रहेगा, सोच समझ कर फैसला करना क्योंकि जो जीवन के महत्वपूर्ण अवसर गवा देता है, जिन्दगी उसे कभी माफ नहीं करती है"! डैनी ने कहा

"पापा,,,,आपको समझाने की योग्यता मुझ में नहीं है पर यह बताने का अधिकार मेरे पास है, मेरा जन्म आपका और आपके कुल का नाम रोशन करने के लिए हुआ है, मैं यह करने की कोशिश भी कर रहा हूं, क्योंकि आपके सपने पूरे करना मेरा कर्तव्य है और मैं साथ इस बात का भी ध्यान रखूंगा की कोई, आपको यह  ना कह दे कि, आपका बेटा बेईमान है या झूठा है,अब आप या तो मुझे पूर्ण स्वतंत्रता दे दीजिए या फिर मुझे मोहमाया के बंधनों में उलझा दीजिए, जो आपके मन में किसी स्वार्थ से जन्म ले रहे हैं, अगर आप मेरे जज्बातों का गला घोट कर अपने सपने पूरा करना चाहते हैं तो मुझे यह शादी मंजूर है और रही बात मेरे प्यार की तो देख लेना, वक्त की सारी साजिशें को तोड़कर, स्नेहा जरूर आएगी  क्योंकि स्नेहा मेरे जीवन की वह सच्चाई है जो हर बंधन हर रिश्ते से मुक्त है,संसार का कोई बंधन मुझे  उससे अलग नहीं कर सकता, कोई कोशिश हमें जुदा नहीं कर सकती, यह मेरे जीवन की वह हकीकत है, जो सच होकर रहेगी"! लव ने विश्वास से कहा

"लव,,,,ऐसी कोई ऊंचाई नहीं है, जिसके लिए मुझे, तुम्हारे जस्बातों  का गला घोटना पड़े, वह क्या है, मैं अब थोड़ा बूढ़ा हो गया हूं और जिंदगी का खेल कब खत्म हो जाए, कौन जानता है, तुमसे जुड़ी खुशियां ही मेरे जीवन का आधार बन गई है,मैं उन्हीं को पाने के लिए आया हूं, अब चलता हूं"! डैनी ने भावुक शब्दों में लव से कहा और चला गया

ब्रह्मा जी, सौरभ के घर आ गए हैं, सौरभ ब्रह्मा जी को अपने घर देखकर, अचंभित हो जाता है, सौरभ कुछ कहे उससे पहले ब्रह्मा जी अपनी अद्भुत, बुद्धि का प्रयोग करते हुए कहते हैं

"मैं जानता हूं, तुम,,,मुझे अपने घर देखकर हैरान हो, क्योंकि तुम्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि मैं यहां क्यों आया हूं, मेरे कलेजे का टुकड़ा है, लव,, ,,उसकी चिंता  मुझे,तुम्हारे पास खींच लाई है, तुम,,  लव के बचपन के दोस्त हो तो यह तुम्हारा भी कर्तव्य है कि तुम,,,लव की मदद करो"!

"मैं,,,,लव के लिए अपनी जान भी दे सकता हूं"! सौरभ ने कहा

"तुम्हें जान नहीं देना है,केवल एक झूठ बोलना है"! ब्रह्मा जी ने कहा

"कैसा झूठ, बोलना है, मैं कुछ समझा नहीं और मेरे झूठ से लव की क्या मदद हो सकती है"? सौरभ ने पूछा

"लव,,,,के पापा डैनी साहब, को दिल का कैंसर है, उनके पास जीने के लिए केवल एक साल है और वह चाहते हैं की लव शादी कर ले, लव,, स्नेहा से इतना गहरा प्रेम करता है कि वह आज भी उसका इंतजार कर रहा है,,अगर तुम,, लव से यह बात कह दो कि स्नेहा और उसकी मां,,अब इस दुनिया में नहीं है तो शायद लव शादी के लिए मान जाए,  मैं,,,,तुम्हारे हाथ जोड़ता हूं, सौरभ,,,,,मना मत करना,,,क्योंकि लव, तुम पर बहुत भरोसा करता है, वह तुम्हारी बात पर यकीन जरूर करेगा, मेरे भाई जैसे दोस्त की आखिरी ख्वाहिश, तुम्हारे हाथ में है, इसके बदले, तुम जो कहोगे मैं, वह तुम्हें दूंगा, प्रेम, बंधन और संबंधों में उलझा में, तुम्हारे हाथ जोड़कर तुमसे निवेदन करता हूं, मुझे ना मत कहना"! ब्रह्मा जी ने सौदा करते हुए कहा

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4 Comments

Milind salve

15-Dec-2023 03:01 PM

Nice part

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Varsha_Upadhyay

14-Dec-2023 11:42 PM

Nice

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Gunjan Kamal

09-Dec-2023 03:58 PM

👌👏

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